महान शहरी दुविधा: क्या आपको किराए पर रहना चाहिए या वही राशि होम लोन में निवेश करनी चाहिए?

भारत के महानगरों में कामकाजी पेशेवरों के लिए यह सवाल अब केवल वित्तीय नहीं, बल्कि व्यक्तिगत और भावनात्मक भी बन गया है। तेजी से बढ़ते किराए और संपत्ति की कीमतों के बीच, युवा परिवार यह सोचने पर मजबूर हैं कि वे हर महीने किराया देते रहें या उसी राशि को होम लोन में निवेश करके अपनी संपत्ति बनाएं। किराए पर रहना अक्सर लचीलापन, सुविधा और कम जोखिम वाला माना जाता है, जबकि घर खरीदना लंबी अवधि की स्थिरता, संपत्ति निर्माण और मानसिक संतुष्टि का वादा करता है। लेकिन जैसे-जैसे प्रमुख इलाकों में संपत्ति की कीमतें और किराए लगातार बढ़ रहे हैं, “किराए बनाम खरीद” का सवाल और भी महत्वपूर्ण हो गया है। एक वास्तविक स्थिति: बेंगलुरु का बुम्मनहल्ली 31 वर्षीय एक पेशेवर और उनका परिवार बुम्मनहल्ली, बेंगलुरु में रह रहा है। उनके परिवार में पत्नी और एक छोटा बच्चा है। वे वर्तमान में 3BHK फ्लैट (1,550 वर्ग फीट) एक गेटेड सोसाइटी में मासिक 40,000 रुपये में किराए पर ले रहे हैं, जिसमें मेंटेनेंस भी शामिल है। उनके विदेशी निवासी मकान मालिक ने अब इसे 92 लाख रुपये में बेचने की पेशकश की है। इस जोड़े की संयुक्त मासिक आय 4 लाख रु...